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नेपाल में भूकंप के जोरदार झटके, अप्रैल 2015 में लगभग 9,000 लोग मारे गए थे

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नेपाल के पश्चिमी लामजुंग जिले में बुधवार को 5.8 तीव्रता का भूकंप   आया, जिसमें कम से कम छह लोग घायल हो गए और दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए. भूकंप सुबह 5:42 बजे आया, जिसका केंद्र जिले के मार्शयांगडी ग्रामीण नगर पालिका में स्थित था. द काठमांडू पोस्ट ने बताया कि 5.8 तीव्रता के भूकंप से लगभग दो दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए और छह लोग घायल हो गए.

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, जिले में बाद में सुबह 8:16 बजे व सुबह 8:26 बजे 4.0 और 5.3 तीव्रता के दो झटके भी दर्ज किए गए. जिले में पहला भूकंप आने के बाद से सुबह 10 बजे तक लगभग 20 छोटे झटके महसूस किए गए.

जिला पुलिस कार्यालय के निरीक्षक जगदीश रेगमी के मुताबिक, भूकंप में छह लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘एक मकान की दीवार गिरने से तीन लोग घायल हो गए, जबकि अन्य तीन व्यक्ति भागते समय घायल हो गए.’ सभी घायलों को लामजुंग के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है.
द हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार, एक महिला आधी दबी हुई मिली, क्योंकि उसका घर ढह गया था. भूकंप आने के दौरान वह सो रही थी. स्थानीय लोगों ने उसे बचाया और अस्पताल पहुंचाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के बाद लोगों ने पुलिस की उदासीनता पर गुस्सा जताया है. भूकंप पड़ोसी जिलों मनांग, कास्की और गोरखा में भी महसूस किया गया. रिपोर्ट में कहा गया कि भूकंप के झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर आ गए, वे बिना मास्क के देखे गए हैं, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

 

 अप्रैल 2015 में, 7.8-तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने नेपाल को हिलाकर रख दिया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और करीब 22,000 अन्य लोग घायल हुए थे. उस भूकंप में 8,00,000 से अधिक मकान और स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गए थे.

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